पंजाब जागरणः वर्तमान में पूरे विश्व प्रकृति से छेड़छाड़ करने का खामियाजा भुगतना रहा है। विकास के एवज में जो प्रकृति का विनाश हुआ है, वह आने वाले दशकों में जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाले खतरों की घंटी बजा रहा है। इसके बावजूद इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के विरुद्ध अपने अभियान बंद करने को तैयार नहीं है। बीते माह कृत्रिम बारिश कराने का दुबई में के लोगों को जहां भारी खामियाजा भुगतना पड़ा था, वहीं अब सऊदी अरब में भी लोगों को इसी तरह के हालात का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब बाढ़ से तबाह होने वाला नवीनतम खाड़ी देश है। सऊदी अरब में पैदा हुए बाढ़ जेसे हालात को लेकर भी अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यहां भी बारिश की चाह में कहीं कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्लाउड-सीडिंग तकनीक का उपयोग तो नहीं किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में रियाद में अचानक आई बाढ़ से सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। सऊदी अरब के अधिकारियों ने रेगिस्तानी खाड़ी में अचानक आई बाढ़ के बाद कई क्षेत्रों में स्कूल बंद कर दिए। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कासिम और अन्य क्षेत्रों, राजधानी रियाद और लाल सागर की सीमा से लगे मदीना प्रांत के लिए रेड अलर्ट जारी किया। इसने तेज हवा के साथ भारी बारिश, क्षैतिज दृश्यता की कमी, ओलावृष्टि, मूसलाधार बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी। सऊदी अरब में इस सप्ताह की भारी बारिश अप्रैल के मध्य में इस क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद हुई है, जिसमें ओमान में 21 और संयुक्त अरब अमीरात में चार लोगों की मौत हो गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि सऊदी में ये तूफान दुबई की विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर आए हैं, जिसके लिए व्यापक रूप से अति उत्साही क्लाउड सीडिंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।